एक से अधिक बैंक अकाउंट होने पर चार्जेज सहित कई तरह के लफड़े होते हैं। बैंकों की स्कीम में पड़कर या फिर लोन सुविधा के चक्कर में कई अकाउंट खुलवा लिए जाते हैं। बैंकों में ग्राहक को पता ही नहीं चलता की इतने पेज पर हस्ताक्षर क्यों करवाए हैं और उनमें लिखा हुआ क्या था। लेकिन बैंक की शर्तें पूरी पढ़ने के बाद शायद ही कोई एक से अधिक अकाउंट खुलवाएं। आइए जानते हैं 1 से अधिक बैंक अकाउंट के नुकसान…
यदि आप लोन, पीएफ या म्यूचुअल फंड लेने का सोच रहे है, या फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए अलग-अलग खातों में अकाउंट खुलवाना चाहते है. तो जानिए आप इन्हे कैसे बैलेंस कर सकते है.
विभिन्न ऑफर का लाभ लें
बैंकों को अपने कस्टमर बढ़ाने होते हैं जिसके चलते वह कई तरह के ऑफर निकालते है, जैसे कि ब्याज दरों, डेबिट कार्ड, बीमा,बैंक लॉकर लोन समेत कई चीजो का ऑफर उपलब्ध कराते है.यही देख आप अलग-अलग बैंकों में खाता खुलवा कर इसका लाभ उठा सकते है.एक से ज्यादा अकाउंट होने से ट्रेन या फ्लाइट की टिकट कराने में आसानी होती है.
ज्यादा बीमा कवर मिलेगा
RBI की गाइडलाइंस के तहत जमा धनराशि होने पर केवल 5 लाख रुपए तक का ही बीमा प्राप्त होगा. मतलब अगर बैंक कंगाल हो जाता है तो आपको सिर्फ ₹500000 ही वापस मिलेंगे. चाहें आपके अकाउंट में ज्यादा पैसा ही क्यों ना हो, इसीलिए आप बीमा करा कर अपने पैसे को सिक्योर कर सकते है.
बैंक का डेबिट कार्ड
एक से ज्यादा बैंक में अकाउंट खोलने का फायदा यह भी है, क्या आपको उन बैंकों का डेबिट कार्ड मिल जाता है.जिससे आप कभी भी बैंक एटीएम से पैसे निकाल सकते है.साथ ही ट्रांजैक्शन चार्ज का भी कोई लेना देना नहीं होता.
एक से ज्यादा अकाउंट खुलवाने पर फायदे ही नहीं नुकसान भी उतना ही है. सोच समझ कर अकाउंट खुलवाए.
धोखाधड़ी
यदि एक से ज्यादा अकाउंट को सही तरीके से मेंटेन नहीं कर पाए. तो कई निष्क्रिय पड़े रहते है. ऐसे में खाताधारक का पैन कार्ड या कोई आईडी चुरा कर धोखाधड़ी भी कर सकता है.
ITR भरने में परेशानी
अकाउंट में अगर कोई व्यक्ति ज्यादा पैसे रखता है तो उसको अपने आईटीआर भरना होता है. और जानकारी देनी होती है.ऐसे में हर खाते की डिटेल याद रखना मुश्किल है.और अपने सभी अकाउंट को अपडेट कराना भी मुश्किल है. ऐसे में आईटी रिटर्न की डिटेल में गड़बड़ी हो जाती है.
चार्ज चुकाना
अकाउंट में खाता खोलने पर मिनिमम बैलेंस डाले रखना होता है. SMS चार्ज, ATM चार्ज चेक बुक फीस ऐसे कई चार्ज चुकाने होते है.यदि आप ज्यादा अकाउंट खुलवते है, तो आपका हर साल का खर्चा बढ़ जाता है.
पासवर्ड
एक से ज्यादा अकाउंट खुलवा कर डेबिट कार्ड के पासवर्ड को याद रखना मुश्किल है.कई लोग यूजर आईडी और पासवर्ड भूल जाते है.और उन्हे कई परेशानियां उठानी पड़ती है.
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